छात्र - छात्राओं के सर्वांगीण बिकास के लिये पाठ्यक्रम अध्ययन के साथ - साथ निम्नलिखित पाठ्यक्रम सहगामी क्रियायें भी महाविद्यालय में सन्चालित है –
राष्ट्रीय सेवा योजना
छात्र - छात्राओं में श्रम भावना को जाग्रत करने तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जगाने के लक्ष्य को लेकर भारत सरकार द्वारा सन्चालित योजना के अन्तर्गत महाविद्यालय में रा० से० योजना की एक इकायी सन्चालित है। शैक्षिक सत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत वर्ष भर में छात्र को १२० घन्टे कार्य करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त एक ७ दिवसीय शिविर की व्यवस्था की जाती है, जहाँ छात्र - छात्राओं को शिविर स्थल पर ही रहना होता है। १२० घन्टे श्रमदान के अन्तर्गत महाविद्यालय परिसर का सौंदर्यीकरण, मलिन बस्तियों में स्वच्छता अभियान, श्रमदान साक्षरता, जनकल्याण, अल्पबचत, मध्यनिषेध, व्रक्षारोपण, ऐड्स उन्मूलन, पल्स पोलिओ अभियान में भाग लेना होगा। इसके अन्तर्गत प्राक्रतिक आपदाओं में पीडित क्षेत्रों के लिये राहतकार्य भी किया जाता है।
शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद
शिक्षा छात्र - छात्रओं के लिये खेलकूद की पर्याप्त सुविधा है। महाविद्यालय की टीमों को विश्वविद्यालय क्रीडा प्रतियोगिताओं में भाग लेने की सुविधा उपलब्ध है। खिलडियों के प्रोत्साहन हेतु महाविद्यालय में अनेक योजनायें सन्चालित हैं। विद्यालय के पास विस्त्र्त खेल का मैदान एवं प्रचलित सभी खेलों की सामग्री उपलब्ध है।
सान्स्क्रतिक एवं साहित्यिक परिषद
छात्र - छात्राओं की नैसर्गिक, साहित्यिक एवं सान्स्क्रतिक प्रतिभा को उजागर करने के लिये महाविद्यालय में विभागीय परीषदें बनायी जायेंगी, जिनके पदेन निदेशक विभागाध्यक्ष होंगे। सान्स्क्रतिक कार्यक्रम में रुची रखने वाले प्रवक्ता के निर्देशन में सान्स्क्रतिक परिषद का भी गठन किया जायेगा। जिसके अन्तर्गत शैक्षणिक कार्यकलाप, शैक्षणिक सत्र में विभिन्न समस्यायों पर लेखमाला, भाषण, निबन्ध, प्रश्नमन्च, नारा लेखन, चार्ट पोस्टर, वाद - विवाद प्रतियोगिता, सान्स्क्रतिक कर्यक्रम एवं शैक्षणिक भ्रमण आदि आयोजन किये जायेंगे। जिससे छात्र - छात्राओं को अपनी प्रतिभा प्रकट करने एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होने का अवसर मिलेगा।
प्रसार व्याख्यान माला
इसके अन्तर्गत विद्वानों एवं विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान आयोजित किये जायेंगे। जिससे छात्र - छात्राओं का ज्ञान वर्धन हो सके।
महाविद्यालय पत्रिका
महाविद्यालय अपनी वार्षिक पत्रिका "रत्न ज्योति" प्रकाशित करेगा, जिसमें सभी छात्रों एवं प्रवक्ताओं की रचनायें सम्मिलित की जाएंगी।
छात्र संघ
विद्यार्थियों को स्वस्थ प्रजातान्त्रिक परम्पराओं से अवगत कराने हेतु छात्र संघ क निर्माण किया जायेगा, जिसका अपना एक संविधान होगा।